भारत में ट्रैफिक नियमों को लेकर अक्सर लोगों में भ्रम होता है। कुछ नियम इतने आम हैं कि हर कोई उन्हें जानता है, जैसे कि हेलमेट न पहनने पर चालान या रेड लाइट क्रॉस करने पर जुर्माना। लेकिन कुछ नियम ऐसे हैं जिनके बारे में लोगों को तब पता चलता है जब वे अचानक ट्रैफिक पुलिस के हत्थे चढ़ जाते हैं। ऐसा ही एक कम-ज्ञात लेकिन पूरी तरह से वैध नियम है – Low Fuel Challan. अगर आप एक टैक्सी, ऑटो, स्कूल वैन या किसी अन्य कमर्शियल वाहन के मालिक या ड्राइवर हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद ज़रूरी है।
Low Fuel Challan का मतलब है कि अगर कोई कमर्शियल वाहन, जो सवारी लेकर सफर कर रहा है, बीच रास्ते में ईंधन भरवाने के लिए रुकता है, तो ट्रैफिक पुलिस उसे चालान थमा सकती है। यह नियम कहता है कि ड्राइवर को अपनी यात्रा शुरू करने से पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसके वाहन में पर्याप्त ईंधन हो जिससे वह यात्री को बिना रुके उसके गंतव्य तक पहुँचा सके। यह नियम न केवल यात्री की सुविधा बल्कि सड़क पर सुचारू यातायात संचालन के लिए भी बनाया गया है।
इस नियम की वैधता को लेकर तब चर्चा तेज़ हो गई जब वर्ष 2022 में केरल में एक मामला सामने आया। एक युवक, जिसका नाम तुलसी श्याम था, को “कम तेल” होने के आधार पर चालान थमा दिया गया। बाद में यह साफ़ हुआ कि मामला दरअसल उल्टी दिशा में बाइक चलाने का था, लेकिन चालान की रसीद में यह कारण “कम फ्यूल” दर्शाया गया था। भले ही यह एक प्रशासनिक त्रुटि थी, लेकिन इस घटना से यह ज़रूर स्पष्ट हो गया कि “Low Fuel Challan” नामक नियम वास्तव में अस्तित्व में है और लागू किया जा सकता है।
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अब सवाल उठता है कि यह नियम किन वाहनों पर लागू होता है? तो इसका जवाब सीधा है – यह नियम केवल और केवल कमर्शियल वाहनों पर लागू होता है। इसका मतलब है कि अगर कोई टैक्सी ड्राइवर, स्कूल वैन या ऑटो रिक्शा चालक सवारी के साथ चलते समय रास्ते में ईंधन भरवाने के लिए रुकता है, तो उसे ₹250 तक का चालान भुगतना पड़ सकता है। प्राइवेट गाड़ियों पर यह नियम लागू नहीं होता, क्योंकि वे व्यावसायिक श्रेणी में नहीं आतीं। लेकिन जब आप एक कैब बुक करते हैं और ड्राइवर कहता है, “सर, पहले CNG भरवा लेते हैं,” तो वह इस कानून के दायरे में आता है और अगर ट्रैफिक पुलिस चाहे तो चालान काट सकती है।
हालांकि वास्तविकता में ऐसे चालान बहुत ही कम देखने को मिलते हैं। अधिकतर पुलिसकर्मी इस नियम को गंभीरता से नहीं लेते या सख्ती से लागू नहीं करते, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि यह नियम केवल कागज़ों तक सीमित है। अगर कोई ट्रैफिक पुलिस अधिकारी चाह ले, तो वह इस आधार पर चालान जारी कर सकता है और कोर्ट में वह वैध माना जाएगा, क्योंकि यह नियम कानून में दर्ज है।
Low Fuel Challan in India जैसे keywords से जुड़े सवाल गूगल पर लगातार सर्च किए जाते हैं। लोग जानना चाहते हैं, “Can I get fined for low fuel in taxi?”, “Is it legal to stop at petrol pump during ride?”, “Traffic fine for stopping at fuel station in India”, और “Commercial vehicle low fuel penalty”. इन सभी सवालों का जवाब इस एक नियम में छिपा है, जो स्पष्ट रूप से कहता है कि अगर आप किसी सवारी के साथ यात्रा कर रहे हैं और बीच में ईंधन भरवाते हैं, तो आप कानून के उल्लंघन की स्थिति में आ सकते हैं।
इस नियम का उद्देश्य केवल ड्राइवर को सज़ा देना नहीं है, बल्कि एक व्यवहारिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह यात्रियों की सुविधा और समय की कद्र करता है। कोई भी व्यक्ति जो टैक्सी बुक करता है, वह नहीं चाहता कि बीच रास्ते में उसे ईंधन के लिए इंतज़ार करना पड़े। साथ ही, इस तरह के रुकाव सड़क पर ट्रैफिक में बाधा भी उत्पन्न कर सकते हैं, खासकर व्यस्त शहरों में।
इसलिए अगर आप एक कैब या ऑटो ड्राइवर हैं, या किसी स्कूल वैन के ज़िम्मेदार हैं, तो यह आपकी ज़िम्मेदारी है कि आप सफर से पहले अपने वाहन की फ्यूल लेवल की जांच कर लें। एक छोटी सी लापरवाही आपके ऊपर न केवल ₹250 का फाइन लगा सकती है, बल्कि ग्राहक की नाराज़गी और आपकी प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुँचा सकती है।
यह नियम सुनने में भले ही कठोर लगे, लेकिन इसका उद्देश्य अच्छा है। खासकर उन ड्राइवर्स के लिए जो अक्सर बिना तैयारी के वाहन लेकर निकल पड़ते हैं, यह नियम एक चेतावनी की तरह है। कई बार लोग सोचते हैं कि ट्रैफिक नियम केवल दिखावे के लिए हैं, लेकिन जब ज़मीन पर लागू होते हैं तो उनके प्रभाव बहुत गंभीर होते हैं।
इस नियम से बचने का सबसे आसान तरीका यही है कि हमेशा सुनिश्चित करें कि आपकी टंकी फुल हो या कम से कम इतना ईंधन हो कि यात्री को बिना किसी रुकावट के गंतव्य तक ले जाया जा सके। अगर किसी कारणवश आपको फ्यूल भरवाना ही पड़े, तो कोशिश करें कि वह सवारी बैठाने से पहले कर लें।