Varuthini Ekadashi 2025 Paran Vidhi: वरुथिनी एकादशी व्रत पारण का शुभ मुहूर्त, विधि और दान का महत्व

Varuthini Ekadashi 2025 Paran vidhi एक ऐसा धार्मिक अवसर है, जिसे हर साल श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। इस खास दिन पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा के साथ व्रत रखा जाता है, और अगले दिन द्वादशी तिथि को विधिपूर्वक व्रत का पारण किया जाता है। इस व्रत का पारण करना एक बेहद महत्वपूर्ण धार्मिक क्रिया मानी जाती है, और इससे जुड़े नियम, मुहूर्त और दान का विशेष महत्त्व है।

2025 में वरुथिनी एकादशी 24 अप्रैल को मनाई जा रही है, और इसका पारण 25 अप्रैल को द्वादशी तिथि में किया जाएगा। शास्त्रों के अनुसार, पारण से पहले दान करने की परंपरा न सिर्फ पुण्यदायक होती है, बल्कि आर्थिक समृद्धि भी लाती है।

वरुथिनी एकादशी पारण का मुहूर्त (Paran Time for Varuthini Ekadashi 2025)

2025 में वरुथिनी एकादशी का पारण 25 अप्रैल को किया जाएगा। इस दिन व्रतियों को सुबह 5:46 AM से 8:23 AM के बीच व्रत खोलना शुभ माना गया है। इस समयावधि को शास्त्रों में “पारण मुहूर्त” कहा गया है। यदि इस मुहूर्त में व्रत खोला जाए तो यह विशेष फलदायी माना जाता है।

व्रत पारण से पहले दान का महत्व (Importance of Donation Before Paran)

हिंदू धर्म में दान का विशेष महत्त्व बताया गया है, और एकादशी के पारण से पहले किया गया दान सौगुना फल देने वाला होता है। खासतौर पर द्वादशी तिथि पर किए गए दान को अत्यंत पुण्यदायक बताया गया है। इस दिन निम्न चीजें दान करना शुभ माना जाता है:

  • चावल
  • दूध
  • वस्त्र
  • अनाज
  • पंचामृत
  • तुलसी पत्र

दान मंदिर में, किसी ज़रूरतमंद को, या फिर ब्राह्मण को किया जा सकता है। यह आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने के साथ-साथ पापों का नाश भी करता है।

वरुथिनी एकादशी 2025 की पारण विधि (Step-by-Step Paran Vidhi)

द्वादशी तिथि की सुबह पारण विधि इस प्रकार है:

  1. सूर्योदय से पूर्व उठें और स्नान आदि के बाद शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  2. सूर्य देव को तांबे के लोटे में जल, लाल फूल और अक्षत डालकर अर्पित करें।
  3. पूजा स्थल पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें।
  4. पंचामृत, पंजीरी, और चावल का भोग लगाएं।
  5. तुलसी दल अर्पण करें, जो विष्णु पूजा का मुख्य अंग है।
  6. विष्णु चालीसा का पाठ करें।
  7. व्रत खोलने से पहले अन्न, दूध और अन्य वस्तुएं दान करें।
  8. जिस चावल का भोग लगाया है और जो तुलसी पत्र अर्पित किया गया है, उसी से मुंह लगाकर व्रत खोलें।
  9. पूर्ण भोजन दिन में करें, और यदि संभव हो तो किसी ब्राह्मण को भोजन अवश्य कराएं।

यह पूरी विधि बेहद सरल है, लेकिन सच्चे मन और श्रद्धा के साथ करना अनिवार्य है।

Varuthini Ekadashi Vrat Katha aur Vishesh Mahatva

पौराणिक कथाओं के अनुसार, वरुथिनी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। यह व्रत पापों का नाश करता है और मोक्ष की प्राप्ति में सहायक होता है। शास्त्रों में वर्णित है कि एक बार भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को इस एकादशी के व्रत का महात्म्य बताया था, जिसमें उन्होंने कहा कि इस व्रत को करने से व्यक्ति को कई जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है।

निष्कर्ष

Varuthini Ekadashi 2025 Paran Vidhi केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक आत्मिक अनुभव है। जब आप पूरे मन से इस व्रत को करते हैं, तो न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि जीवन में नए अवसर और सुख-शांति का आगमन होता है। दान, पूजन, और सही समय पर पारण करने से व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है। यदि आप इस वर्ष व्रत कर रहे हैं तो इस विधि और मुहूर्त के अनुसार पारण करें और श्रीहरि विष्णु की कृपा प्राप्त करें।

Leave a Comment