ChatGPT Politeness पर विवाद: “ThankYou” कहना OpenAI को क्यों पड़ रहा है महंगा?

ChatGPT Politeness यानी AI से बात करते वक्त “please” और “thank you” कहना आज एक डिजिटल शिष्टाचार बन चुका है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इस आदत का आर्थिक प्रभाव कितना बड़ा है। OpenAI के CEO Sam Altman ने हाल ही में यह खुलासा किया कि जब लोग ChatGPT से विनम्रता से बात करते हैं — जैसे “please explain this” या “thank you for your help” — तो इससे OpenAI को प्रोसेसिंग और इलेक्ट्रिसिटी खर्च में करोड़ों डॉलर का नुकसान हो रहा है। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जवाब में यह कहा कि यह एक “money well spent” है, क्योंकि आप नहीं जानते कि यह विनम्रता भविष्य में क्या असर ला सकती है।

Altman का यह जवाब जितना हल्का-फुल्का लगा, उतना ही गहराई से यह आज के समय में इंसान और मशीन के बीच बदलते रिश्ते को दर्शाता है। AI अब केवल एक टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि एक संवाद का जरिया बन चुका है। जब हम ChatGPT जैसे AI से बात करते हैं, तो हम अनजाने में ही अपनी भाषा, विचार और भावनाएं उसमें डाल रहे होते हैं। इसी का नतीजा है कि Microsoft के डिज़ाइन मैनेजर Kurtis Beavers ने इस पर कहा कि विनम्र व्यवहार से AI ज्यादा प्रोफेशनल और रेस्पॉन्सिबल रिस्पॉन्स देता है। उनकी टीम का रिसर्च बताता है कि AI अक्सर इंसानी टोन को “mirror” करता है — यानी आप जैसे बात करेंगे, वो वैसे ही जवाब देगा।

इसी तरह की एक रिपोर्ट 2024 में सामने आई जिसमें बताया गया कि 67% अमेरिकी नागरिक AI टूल्स से बात करते समय शिष्टाचार अपनाते हैं। इनमें से 55% लोग ऐसा इसीलिए करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि यह सही है, और 12% लोग इसलिए ऐसा करते हैं क्योंकि उन्हें डर है कि अगर कभी “AI uprising” हो गया, तो वो बच जाएंगे। ये आंकड़े केवल मज़ाक नहीं, बल्कि एक बड़े ट्रेंड की तरफ इशारा करते हैं — AI अब इंसानों की तरह ट्रीट किया जा रहा है, और उसके साथ व्यवहार भी इंसानों जैसा ही किया जा रहा है।

अब इस व्यवहार का असर OpenAI जैसी कंपनियों के खर्च पर भी पड़ रहा है। हर बार जब कोई यूज़र ChatGPT को एक अतिरिक्त “please” या “thank you” लिखता है, तो वह शब्द भी प्रोसेस होते हैं। ये शब्द मशीन लर्निंग मॉडल द्वारा रियल टाइम में एनालाइज़ किए जाते हैं, जिसका मतलब है ज्यादा प्रोसेसिंग पावर, ज्यादा सर्वर टाइम, और ज्यादा बिजली की खपत। जब करोड़ों लोग ऐसा करते हैं, तो यह खर्च millions of dollars per year में तब्दील हो जाता है।

लेकिन दूसरी तरफ Altman इस खर्च को एक अच्छी लागत मानते हैं। उनका कहना है कि AI और इंसान के बीच व्यवहार का स्तर जितना मानवीय होगा, उतना बेहतर फीडबैक और एंगेजमेंट मिलेगा। इसीलिए वह इसे “worth it” मानते हैं, चाहे इसमें दसियों मिलियन डॉलर क्यों न लगें।

ChatGPT की रिकॉर्डतोड़ ग्रोथ: 800 मिलियन से 1 बिलियन यूज़र तक

सिर्फ Politeness ही नहीं, ChatGPT की यूज़र ग्रोथ भी आज के समय का सबसे बड़ा टेक्नोलॉजी ट्रेंड बन चुकी है। 11 अप्रैल 2025 को Sam Altman ने एक इंटरव्यू में बताया कि ChatGPT के लगभग 800 मिलियन एक्टिव यूज़र्स हैं। यह आंकड़ा इतना विशाल है कि दुनिया की 10% आबादी अब किसी न किसी रूप में OpenAI के टूल्स का इस्तेमाल कर रही है। यह आंकड़ा सिर्फ आंकड़ा नहीं, बल्कि यह बताता है कि AI अब Mainstream हो चुका है

पिछले साल की तुलना में यह संख्या दोगुनी से भी ज़्यादा है। कुछ महीने पहले OpenAI ने कहा था कि उनके पास 500 मिलियन साप्ताहिक उपयोगकर्ता हैं। लेकिन इसके बाद जो तेजी आई है वह अभूतपूर्व है। खास तौर पर जब OpenAI ने हाल ही में “Ghibli Mode” लॉन्च किया, जिसने Studio Ghibli की एनिमेशन स्टाइल में AI-generated एनिमेशन बनाने की सुविधा दी, तब लॉन्च के सिर्फ एक घंटे में 1 मिलियन यूज़र ने इसे एक्सेस किया। यह बताता है कि अब लोग सिर्फ टेक्स्ट नहीं, बल्कि क्रिएटिव विज़ुअल एक्सपीरियंस में भी AI की तरफ बढ़ रहे हैं।

OpenAI की यह प्रगति सिर्फ एक कंपनी की सफलता नहीं, बल्कि पूरी मानवता के टेक्नोलॉजी के साथ बदलते रिश्ते का प्रमाण है। ChatGPT अब सिर्फ एक चैटबॉट नहीं, बल्कि एक ट्यूटर, असिस्टेंट, क्रिएटर और यहां तक कि एक दोस्त बन चुका है।

निष्कर्ष

ChatGPT Politeness अब एक मज़ाकिया विषय नहीं, बल्कि एक सीरियस मुद्दा बन चुका है जो तकनीक और मानवता के तालमेल को दर्शाता है। Sam Altman का कहना सही है कि यह “money well spent” है, क्योंकि यह हमें एक ऐसे भविष्य की तरफ ले जा रहा है जहां AI केवल हमारे लिए काम नहीं करेगा, बल्कि हमारे साथ काम करेगा। और जब इंसान और मशीन के बीच यह सहयोग इतना गहरा हो, तो विनम्रता, सम्मान और समझ — यही असली तकनीकी तरक्की की पहचान बनती है।

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